"सुन लो बात मात-पिता की कहना इनका मानो।
इन्हें पता है दुनिया कैसी,बातें इनसे जानो।"
कृष्ण  गोपाल  विद्यार्थी  ने निर्धन की पीड़ा कविता में सुनाकर  वातावरण  गमगीन  कर दिया बानगी:-
"ग़म  के मारों को दुनिया के उत्थान  से क्या,उत्कर्ष  से क्या।
है पेट को मतलब रोटी से,उस वर्ष  से क्या इस वर्ष  से क्या।"
नोएडा उत्तर प्रदेश पधारे प्रबल प्रताप राणा ने प्राण प्रतिष्ठा पर अपने विचार यूँ व्यक्त किये बानगी:-
"राम पधारेंगे निज गृह, हम दिपावली मनाएंगे,
 हृदय हमारे बसे हुए, हम दिपावली मनाएंगे ।
समर्पण और नेतृत्व मिला तो सारी बाधाएँ  फिर दूर हुई।
 राम भक्त जुड़ गए तो मंदिर निर्माण भी पूर्ण हुई।"
दिल्ली की जानी मानी कवयित्री-गीतकार  डॉ. सीमा वत्स की कविता को बड़े चाव  से सुना गया:-
"जिगर  की पीर से लड़ना 
नयन के नीर से लड़ना।
हाँ आता है मुझे रूठी हुई तक़दीर  से लड़ना।।"
सुप्रसिद्ध  हास्य व्यंग्य कवि ओमप्रकाश  कल्याणे  के इस मुक्तक  ने ख़ूब  दाद पाई:-
"पहले मन का रावण मारो तब होगी जय
राम को अपने मन में  धारो तब होगी जय
प्यार  प्रेम  की भाषा जब दुश्मन  न समझे
घर  में  घुस उसको संहारो तब होगी जय।"
कवयित्री  लता कल्याणे नारी पर कविता पढ़ते हुए  कहा:-
"घर की चार दीवारी में कैद 
अपने अकेलेपन  से लड़ती 
चुप है वो
क्योंकि  चुप्पी से ही घर बनता है।"
कवि डॉक्टर अखिलेश अकेला ने अपनी कविता से सरस्वती के पुत्रों की महिमा का बखान किया और कहा -
"सरस्वती के पुत्रों का यश
इस धरती पर छाया है।
मानव का तन धारण कर
सौभाग्य उतरकर आया है।"
"दर्द से रिश्ता घना है,
डूब कर लिखना मना है।"
तत्पश्चात उन्होंने शब्दांजलि प्रस्तुत की जिस पर उन्हें भरपूर दाद मिली । उनके गीत के बोल थे:-
"कविता एक सोपान हो गई,
 शब्द शब्द मिल गान हो गई ।"
कवि सम्मेलन   के अध्यक्ष डॉ जयसिंह आर्य  ने अपने गुरुवर डॉ स्वामी श्यामानंद सरस्वती का यह मुक्तक सुनाकर  उनकी पावन स्मृति को नमन किया:-
"प्रेम  अभिवादन  का ये अवसर नहीं है 
रुप अवसादन का ये अवसर  नहीं है।
हाथ में ले लो सुदर्शन चक्र  कान्हा
बांसुरी वादन  का ये अवसर  नहीं है।"
इसके बाद  देश के गद्दारों पर मुक्तक  पढ़ा जिसने श्रोताओ की ख़ूब वाह वाही लूटी:-
"इनका संहार देख लेना तुम 
दुष्टों की हार देख लेना तुम
सारे रावण  मरेंगे निश्चित  ही
राम  का वार देख लेना तुम"
( यह न्यूज़ दिल्ली के प्रतिष्ठित समाजसेवी अखिलेश द्विवेदी के द्वारा भेजी गयी है )


